रिपोर्ट बृजेश सिंह 

नव निर्मित पंचायत भवन को प्रधान व सचिव ने निजी लाभ के लिए दिया किराए पर

सीआरओ ने मार्टिनगंज एसडीएम और बीडीओ को तत्काल पंचायत भवन खाली कराने का दिया निर्देश।
मार्टिनगंज ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम सभा सिकरौर सहबरी में स्थित पंचायत भवन को ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव द्वारा भाड़े पर रखकर करते है मोटी कमाई। जिसकी जानकारी होते ही गांव के संभ्रांत लोगों ने खंड विकास अधिकारी मार्टिनगंज संतोष कुमार यादव से एक माह पूर्व शिकायत की जिसपर उन्होंने एडीओ पंचायत को सरकारी पंचायत भवन को तत्काल खाली कराने को निर्देशित किया । परंतु आज तक पंचायत भवन में अवैध कब्जा कायम हैं। वहीं जब आज स्थानीय पत्रकारों ने सिकरौर सहबरी में स्थित पंचायत भवन पहुंच कर देखा तो भवन में अंदर से ताला लगा मिला और बगल में स्थित प्राथमिक विद्यालय पर ग्राम प्रधान पति मारकंडे सिंह व ग्राम सचिव राम विलास बैठे नजर आए जिसपर सचिव राम विलास को लेकर पत्रकारों ने पंचायत भवन परिसर का निरीक्षण किया तो देखा की पंचायत हाल में स्थानीय निवासी सूर्यबली पुत्र रामसुमेर परिजनों संग आराम फरमाते व निजी उपयोग करते नजर आए और सचिव व पत्रकारों की टीम पर भड़क गए और बोले की मैं रेलवे विभाग का रिटायर कर्मचारी हूं मुझे प्रधान ने रहने के लिए दिया । वहीं इस संबंध में सचिव रामविलास से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया की ग्राम प्रधान गीता सिंह ने अपने निजी लाभ के लिए एक व्यक्ति को यह सरकारी भवन रहने के लिए दिया है। जिसको खाली कराने हेतु कई बार कहा गया परंतु प्रधान ने खाली नही कराया।
जहां पत्रकारों द्वारा खबर संगलन की जानकारी होते ग्राम प्रधान पति मारकंडे सिंह पहुंचते ही समाचार कवरेज में उलंघन करने का प्रयास किया जब सफलता नहीं मिली तो स्थानीय पत्रकार बृजेश सिंह को देख लेने तक की धमकी दे डाली।
हालांकि दर्जनों ग्रामीणों द्वारा आज प्रकरण की शिकायत जिलाधिकारी अजमगमगढ़,मुख्य विकास अधिकारी आजमगढ़ व मुख्य राजस्व अधिकारी विनय कुमार गुप्ता से की जहां उन्होंने मार्टिनगंज एसडीएम व बीडीओ को तत्काल पंचायत भवन से अवैध कब्जा मुक्त कराने को निर्देशित किया ।बताते चलें की उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीणों को सरकारी कागजातों को आशानी से प्राप्त करने हेतु एवं उनके सुगमता के लिए हर गांव में करीब 20 लाख रुपए खर्च कर पंचायत भवन बनवाएं जिसके बाद भी ग्रामीणों को सरकारी कागजात बनवाने के लिए ग्राम सिकरेटरी के चक्कर लगाने हेतु ब्लॉक पर जाना पड़ता है और आखिर क्यों न जाना पड़े जब ऐसे भ्रष्ट प्रधान व सचिव निजी स्वार्थ ले लिए सरकारी कार्यालय ही दे रखे हों भाड़े पर ।

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