उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागरज द्वारा आयोजित दस दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव चलो मन गंगा यमुना तीर की तीसरी संध्या सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सराबोर रही कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही सास्कृतिक पंडाल दर्शकों से खचाखच भर गया। कलाकारों की प्रस्तुतियों पर दर्शकों ने मनोरंजन के साथ रंग जमाया। एनसीजेडसीसी हर वर्ष त्रिवेणी के इस तट पर विविध रंगरंग कार्यक्रमों  का आयोजन करता रहा है। शक्रवार को कार्यक्रम का आगाज शिव वंदना महतारी हो महतारी से शिवात्मानंद पटेल एवं दल ने किया उसके बाद होली खेले बनवारी बिरज में गीत गाकर माघ में फागुन का एहसास भर दिया।  गंगा मइया के जयकारों के बीच  लोकगीत गायिका अंशुला सिंह ने चलो मन तीरथ राज प्रयाग, तेरे बगैर जिंदगी का क्या करेंगे हम, गजल  सुनकर श्रोता बाग –बाग हो गए।युवा सूफी गायक ईशान मिश्रा का तालियों की गड़गडाहट के बीच जब मंच पर आगमन होता है तो श्रोता उनका तालियों से जोरदार स्वागत करते हैं। उन्होंने  ओम नम शिवाय भजन से अपने गायन की शुरूआत की उसके बाद  तू माने या न माने दिलदारा एवं मेरे रसके कमर की देकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। इसके बाद कमलेश ने गंगा के निर्मल पानी नहाय चुके दुनऊ परानी गीत गाकर खूब वाहवाही लूटी। रीता देवी ने आवा भवानी मोरे अंगना कब सेहरिया निहारी सुमधुर भजन की प्रस्तुति दी। वही मणिपुर का थांगटा, राजस्थान से पधारे शंकर दास एवं दल द्वारा किया गया भवई  तथा सुनील कुमार का धोबिया एवं नटुआ लोकनृत्य दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहा। कार्यक्रम का संचालन आभा श्रीवास्तव ने किया।

एक टिप्पणी भेजें

 
Top