जिला उद्यान अधिकारी श्री नलिन सुंदरम भट्ट ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि प्रदेश में आम की अच्छी उत्पादकता सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से यह आवश्यकता है कि आम की फसल को सम-सामयिक रूप से हानिकारक कीटों एवं रोगों से बचाने हेतु उचित समय पर प्रबन्धन किया जाय। फल मक्खी कीट का प्रकोप मई माह से जुलाई तक होता है, जिससे आम की फसल को काफी क्षति होती है। अतएव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उ0प्र0 द्वारा बागवानों को इस कीट के प्रकोप के नियंत्रण हेतु सलाह दी गयी है, जिसके अनुसार आम के फल मक्खी कीट आम के फलों को बडी मात्रा में नुकसान पहुंचाने वाला कीट है। इस कीट की सूड़ियाॅ आम के फलों के अन्दर घुस कर गूदे को खाती है, जिससे फल खराब हो जाता है। इस कीट की रोकथाम के लिए मिथाइल यूजिनाॅल 0.1 प्रतिशत   (1.5 मिली लीटर पानी) ़ मैलाथियाॅन 0.2 प्रतिशत (2.0 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) का घोल बनाकर 8-10 जगह प्रति हेक्टेयर के हिसाब से चैडे़ मुँह की शीशी/डिब्बों में भरकर पेड़ों पर लटका देने से नर मक्खियाँ आकर्षित होकर मैलाथियाॅन कीटनाशी के प्रभाव से नष्ट हो जाती है। इस प्रकार आम के फल मक्खी कीट के प्रकोप से बचाव हेतु बागवान भाई सम सामयिक उपाय कर अपनी फसल को सुरक्षित एवं स्वस्थ्य रख सकते हैै।
किसान भाई यह देख लें कि आम फल का रंग हल्का पीला या चाकू से काटने पर आम का गूदा हल्का पीला हो जाये, तो यह खाने लायक हो जाता। आम को पकाने के लिए बाजार में इथरल सोल्यूशन उपलब्ध है। सर्वप्रथम आम को ठण्डे पानी से धो लिया जाये, उसके उपरान्त 100 से 500 पी0पी0एफ0 (100 मिलीग्राम/लीटर पानी) इथरल अथवा इथेफाॅन का सोल्यूशन तैयार करने के उपरान्त आम को 15 मिनट के लिए डुबो दें तत्पश्चात आम को छाया में सुखाकर कमरे के तापमान पर भण्डारित कर लें। इस प्रकार यह आम 1 से 3 दिन तक में पक कर तैयार हो जाता है।
किसान भाइयों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे कृपया आम को ग्रेडेड कर बाजार में बिक्री हेतु ले जायें। इससे उन्हें अच्छे दाम प्राप्त होंगे। कीटनाशक के प्रयोग में बरती जाने वाली सावधानियाों में कीटनाशक के डिब्बों को बच्चों व जानवरों की पहुँच से दूर रखना चाहिए। कीटनाशक का छिड़काव करते समय हाथों में दस्ताने, मुँह को मास्क व आँखों को चश्मा पहनकर ढक लेना चाहिए, जिससे कीटनाशी त्वचा व आँखों में न जाय। कीटनाशक का छिड़काव शाम के समय जब हवा का वेग अधिक न हो तब करना चाहिए अथवा हवा चलने की विपरीत दिशा में खड़े होकर करना चाहिए। कीटनाशक के खाली पाउच/डिब्बों को मिट्टी में दबा देना चाहिए।

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