कुम्हारी कला विलुप्त होने के कगार पर
कुम्हारी कला विलुप्त होने के कगार पर

अब न मिट्टी के खिलौनों की मांग है ना भोज एवं दावतों में मिट्टी के कुल्हड़ का प्रचलन। दीपावली पर मिट्टी के दीये बस नाम मात्र को जलते है। ...

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रास्ते का रिश्ता
रास्ते का रिश्ता

आज से करीब 7 साल पहले जब मै अपने पडोस के बुआ को लेकर झांसी से बनारस बाय ट्रेन आ रहा था तभी रास्‍ते में एक युवती अपने माता के साथ  हमारे डिब्...

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वो अपना एक दोस्त खोना नहीं चाहता है
वो अपना एक दोस्त खोना नहीं चाहता है

संसार मे अच्छाई और बुराई दोनों है , लेकिन उनके पीछे दोनों मे बहुत जटिलताएं भी है , जो परिस्थितियों पर निर्भर होती है , और उन्हें समझन...

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 'दोस्ती और प्रेम 'अनुभूति नहीं, एक स्टेट्स की बात है
'दोस्ती और प्रेम 'अनुभूति नहीं, एक स्टेट्स की बात है

       समाज में हर एक इंसान को बराबर का दर्जा हासिल है , वहीं इंसान को इंसान समझने की सोच जैसे धीरे-धीरे पीछे छूटती जा रही है और इंस...

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इंसानियत
इंसानियत

मैं उस दिन बाज़ार से लौट रहा था | सामने से एक 8 -10 बर्ष का लड़का एक हाथ का ठेला खींचता हुआ चला आ रहा था. ढलान होने के कारण ठेले की गति क...

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बेवक़ूफ़ : एक गृहणी
बेवक़ूफ़ : एक गृहणी

वो रोज़ाना की तरह आज फिर इश्वर का नाम लेकर उठी थी । किचन में आई और चूल्हे पर चाय का पानी चढ़ाया। फिर बच्चों को नींद से जगाया ताकि वे स...

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