आजमगढ़ से नीरज प्रजापति 


आजमगढ़ चिल्डेन गर्ल्स स्कूल में कक्षा 11 की छात्रा श्रेया तिवारी की मौत के मामले

हत्या के मुकदमे में आरोपी प्रिंसपल व क्लास टीचर को गिरफतार


आजमगढ। नगर के चिल्डेन गर्ल्स स्कूल में कक्षा 11 की छात्रा श्रेया तिवारी की मौत के मामले में जहां पुलिस ने आरोपित कालेज की प्रिंसपल व क्लास टीचर को गिरफतार कर लिया। वही एसपी ने दावा किया कि अब तक की विवेचना में छात्रा को मानसिक प्रताड़ना दी गई जिसके बाद छात्रा ने छत से कूद कर जान दे दी। इसके साथ ही कालेज के कतिपय लोगों ने साक्ष्य मिटाया। मुकदमे में धारा 306 व 201 का समावेश कर मामले की विवेचना अब भी जारी है।
बतातें चलें कि बीते सोमवार को नगर के हरबंशपुर स्थित चिल्डेन गर्ल्स कालेज में छात्रा की संदिग्ध अवस्था में छत से गिरने से मौत हुई थी। इस मामले में पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर हत्या का मुकदमा प्रिंसपल व क्लास टीचर पर दर्ज किया था। मंगलवार के बाद जिले में छात्रा की मौत के बाद से भारी आक्रोश देखने को मिला। सामाजिक, महिला संगठनों के साथ ही सड़क पर छात्र उतर आए औश्र कालेज को बंद करने के साथ आरोपियें की गिरफतरी की मांग कर रहे थे। गुरूवार को पुलिस ने इस मामले में नामजद कालेज की प्रिंसपल सोनम मिश्र निवासी खत्री टोला, चौक शहर कोतवाली और क्लास टीचर अभिषेक राय निवासी कृष्णा बिहार गली ख्वाजा जहांपुर थाना कोतवाली जनपद मऊ को गिरफ्तार कर लिया। प्रिसपल के पास से छात्रा का मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है।
एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि हत्या के मुकदमे में आरोपी प्रिंसपल व क्लास टीचर को गिरफतार किया गया है। सीओ सीटी, सिधारी व महिला थाने की एसएचओ के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई थी। अब तक की जांच में सीसीटीवी के डीवीआर को जप्त किया गया है। इसके अवलोकन से दोपहर 12 बजे कक्षा से निकलकर छात्रा प्रिंसपल के आफिस में गई और फिर बाहर आने के बाद प्रिंसपल के आफिस के बाहर काफी देर तक खडी रही। उसके बाद वह करीब सवा एक बजे तेजी के साथ सिढीयों के रास्ते तीसरी मंजिल पर जाना प्रमाणित हुआ है। एक अन्य फुटेज में छात्रा के गिरने वीडियों मिला है। फिल्ड यूनिट ने बेंजडिन टेस्ट किया। जिसमें यह प्रमाणित हुआ कि जहां छात्रा गिरी थी वहां ब्लड मौजूद था लेकिन उस ब्लड को स्कूल के कतिपय लोगो ने पानी से धुल दिया था। 
यह साक्ष्य मिटाने का अपराध है। मुकदमे में धारा 201 का समावेश भी किया गया। अभी तक की विवेचना में यह तथ्य सामाने आया है कि छा.त्रा के पास मोबाइल मिला था। जिसकी प्रोफेसनल काउंसलिंग नहीं की गई बल्कि अमानविय दृष्टिकोण अपनाते हुए छात्रा को मानसिक रूप से प्रताडित किया गया। घटना वाले दिन भी क्लास अटेंड कराने के बजाय उसे प्रिंसपल रूम में मानसिक प्रताडना दी गई, प्रिंसपल के रूम के बाहर सजा के तौर पर काफी देर तक खडा रखा गया। जिसके बाद छात्रा ने यह कदम उठाया। इसलिए मुकदमे में धारा 306 व 201 का समावेश कर दिया गया है। मामले की विवेचना अब भी जारी है। इसमें जो भी लोग शामिल होगें उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी ।

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