जानकारी अनुसार सेवराई गांव निवासी किसान नेता भानु प्रताप सिंह पैर में चोट लगने के कारण इलाज करने के लिए कुछ अन्य लोगों के साथ दोपहर करीब 1:00 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे हुए थे। इस दौरान अस्पताल का मुख्य गेट तो खुला था लेकिन अंदर कोई भी कर्मचारी अथवा चिकित्सक मौजूद नहीं था इस मामले में जब उन्होंने मौजूद गार्ड से पूछा तो गार्ड ने बताया कि अभी कोई भी कर्मचारी नहीं है। राहुल सिंह ने बताया कि अस्पताल पर शनिवार और रविवार को चिकित्सक नहीं मिलते हैं जिससे यहां आने वाले मरीजों को बिना इलाज कराए ही वापस लौटना पड़ता है। जबकि निर्देश है कि शनिवार और रविवार को इमरजेंसी की सेवाएं बहाल रहेगी बावजूद इसके संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदौरा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही का खामियां जा यहां आने वाले मरीजों को उठाना पड़ रहा है। किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने मामले की शिकायत एसडीएम सेवराई से करते हुए दोषी कर्मचारियों और चिकित्सकों पर कार्रवाई की मांग की है। मुन्ना चंद्रवंशी ने बताया कि इस अस्पताल पर इलाज कराने आए मरीजों को चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के न होने के कारण उपयुक्त इलाज नहीं मिल पाता जबकि शासन के द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का दावा किया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रायः ही शनिवार और रविवार को चिकित्सक यहां मौजूद नहीं रहते।
इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर धनंजय आनंद ने बताया कि लगाए गए सभी आप बी बुनियाद हैं चिकित्सा और गार्ड अस्पताल पर ही मौजूद हैं।
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