रिपोर्ट पदमाकर पाठक

भाजपा का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा आज बेटियों को पिटवाओ में बदल गया : जयप्रकाश

अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा आयोजित मजदूर किसान पंचायत

गाज़ीपुर। जिले के दिलदारपुर नगर में एमएसपी पर कानून बनाओ, ग्रामीण मजदूरों को न्यूनतम ₹18 हजार मजदूरी दो के आवाहन के साथ साथ अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा आयोजित मजदूर किसान महापंचायत संपन्न हुई। दिलदारनगर सब्जी मंडी में अखिल भारतीय किसान महासभा में 8 जून को किसान मजदूर पंचायत का आयोजन किया था। पंचायत में भीषण गर्मी और प्रशासनिक अड़ंगेबाजी का मुकाबला करते हुए सैकड़ों किसान मजदूर महिलाएं लाल झंडे के साथ पहुंची। पंचायत की अध्यक्षता गुलाब सिंह, डॉक्टर सलाउद्दीन खान, राज नारायण यादव, कौशल्या देवी आदि सहित पांच सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने किया। जिस का संचालन किसान महासभा के प्रांतीय उप सचिव और जिला भाकपा माले के सेक्रेटरी शशिकांत कुशवाहा ने किया। पंचायत के प्रारंभ में में कुशवाहा महासंघ ने बाहर से आए हुए अतिथियों को अशोक की लाट भेज कर सम्मानित किया। जिसमें किसान अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व विधायक राजाराम सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड मंजू प्रकाश (पूर्व विधायक विधायक बक्सर) और अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण को अशोक की लाट देकर सम्मानित किया गया।इसके बाद हाल में मौजूद सभी किसान साथियों ने किसान आंदोलन के शहीदों एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम का संचालन शशिकांत कुशवाहा ने किया।किसान-मजदूर महापंचायत का उद्घाटन करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण ने कहा कि मोदी सरकार किसान आंदोलन के साथ लिखित समझौता करने बाद समझौते से मुकर कर किसानों से विश्वासघात किया है। आज एम एस पी पर कमेटी तक नहीं बन सकी। किसानों के हत्यारे अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल में बने हुए हैं। बिजली बिल 2020 फिर संसद में पेश कर दिया गया है। कृषि संकट गहरा हो रहा है। जमीनें छीनी जा रही हैं और किसान जगह-जगह लड़ रहे हैं। मोदी  द्वारा दिए गए नारे वास्तव में जनता के लिए छलावा थे। "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ " नारा आज "भाजपाई बलात्कारी बचिओ और बेटियों को पिटवाओ" में बदल गया है। बेटियों के बलात्कार उत्पीड़न और सामाजिक बराबरी न्याय के लिए संघर्षरत थी । मोदी सरकार बृजभूषण को बचाने में जुटी हुई है। इसी तरह 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादाखोखला साबित हुआ। 2021-22 में किसानों की आत्महत्या renu SO द्वारा दिए गए आंकड़े के अनुसार 40,000 से ऊपर पहुंच गया है। इतिहास में पहली बार देखा गया है कि ग्रामीण मजदूर  परिवार सहित आत्महत्या करने को मजबूर है। 2022 में 44 हजारसे ज्यादा ग्रामीण मजदूरों ने आत्महत्या की। यह है भारत के ग्रामीण समाज के अंदर पल रहे गंभीर संकट और तनाव को अभिव्यक्त कर रहा है। कामरेड मंजू प्रकाश ने कृषि संकट को चर्चा करते हुए कहा कि जब तक कारपोरेट हितैषी नीतियों को नहीं बदल दिया जाएगा किसानों के जीवन में बदलाव नहीं आ सकता। उन्होंने किसानों की कर्ज माफी खाद बीज बिजली और पानी के निशुल्क सप्लाई की मांग उठाई। मजदूर किसान पंचायत को संबोधित करते हुए किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड राजाराम ने कहा कि बीजेपी सरकार खेती के कारपोरेटु कारण के लिए प्रतिबद्ध है। तीन कानून काले कानून वापस लेने के बाद सरकार टुकड़े-टुकड़े में हिंदी कानूनों को लागू कर रही है। भूमि को छीन कर पूंजीपतियों के हाथों में देने का षड्यंत्र रच रही है। उन्होंने कहा इस सरकार की नीति के चलते आने वाले समय में खाद्यान्न संकट गहरा होने वाला है। सरकार ने 9 महत्वपूर्ण अनाजों से इथनाल बनाने के लिए परमिशन दे चुकीहै। इसके चलते निश्चय ही भविष्य में गंभीर खाद संकट खड़ा होगा। इसलिए हमारे सामने जहां एमएससी की गारंटी का सवाल है वही किसानों वही हमें खाद्य सुरक्षा के लिए पीडीएसके विस्तार के लिए संघर्ष को तेज करना चाहिए ।अभी तक जितने तरह के अनाज वितरित हो रहे हैं । उसकी मात्रा बढ़ाकर 10 किलो प्रति यूनिट की जानी चाहिए।  राजाराम सिंहने कहा कि किसान संगठनों को सरकार के खिलाफ लड़ाई को 2023 मेंराजनीतिक संघर्षों की दिशा में उन्नत करते हुए अदानी अंबानी परस्त सरकार को सत्ता से बेदखल करना होगा। महासभा के प्रदेश सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा ने गाजीपुर में किसानों के संकट की विस्तारित चर्चा करते हुए कहा की नहरों की सफाई खाद बीज कीटनाशक का सस्ते में उपलब्ध कराने और 200 यूनिट बिजली किसानों को मुफ्त देने के साथ गाजीपुर में एकमात्र औद्योगिक इकाई अफीम फैक्ट्री को पुनः चालू करने की मांग रखी। उन्होंने कैसा किसानों को अफीम की खेती करने का लाइसेंस देने की मांग की।साथ ही ग्रामीण मजदूरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए ₹18000 मासिक मजदूरी का भी सवाल उठाया। इसी के साथ उन्होंने 1103 प्रस्ताव पेश किया जिसे सर्वसम्मति से लोगों ने स्वीकार किया। सम्मेलन को चंदौली के किसान महासभा के नेता विद्याभूषण राय किसान नेता राजनारायण यादव गुलाब सिंह रामकिशोर बिन सहित महिला और मजदूर नेताओं ने भी संबोधित किया। सम्मेलन के अंत में 35 सदस्य राज्य कमेटी बनाई गई। जिसके अध्यक्ष गुलाब सिंह और सचिव सत्येंद्र कुमार प्रजापतिको बनाया गया। तीन उपाध्यक्ष और 2 सचिव के साथ 17 सदस्य कार्यकारिणी का गठन हुआ। अंत में गगनभेदी नारे के साथ सम्मेलन समाप्त हुआ।

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