अब जब कुछ ठीक है.!! यही दुनिया की रीत है.
अब जब कुछ ठीक है.!! यही दुनिया की रीत है.

मैं शांति से बैठा अख़बार पढ़ रहा था, तभी कुछ मच्छरों ने आकर मेरा खून चूसना शुरू कर दिया। स्वाभाविक प्रतिक्रिया में मेरा हाथ उठा और अख़बार स...

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सफलता के सामने बौना होता आदमी
सफलता के सामने बौना होता आदमी

          जब मै अपने बचपन की दुनिया की तुलना आज की दुनिया से करता हू तब सबसे पहले इस बात की ओर घ्‍यान जाता है कि उस दुनिया में किसी व्‍यक...

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 कुम्हारी कला विलुप्त होने के कगार पर
कुम्हारी कला विलुप्त होने के कगार पर

अब न मिट्टी के खिलौनों की मांग है ना भोज एवं दावतों में मिट्टी के कुल्हड़ का प्रचलन। दीपावली पर मिट्टी के दीये बस नाम मात्र को जलते है। ...

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