तुम जिन्दगी में आये यह एक इत्त्फाक ही तो था हम मिल बैठे थे सुगंध और सुमन की तरह वो खुबसूरत लम्हे बीत गए उस हवा के झोंके की तरह जो खुशबू बिखेर चला गया एक अनजाने सफ़र की ओर बच गईं सिर्फ यादें जिन्हें में हर पल दिल से लगाये रखता हु उन्हीं यादों के सहारे मैं ! उस राह पर खड़ा हूं जहाँ हम साथ साथ थे आज भी उसी दौर से गुजरता हूँ जो गुजरा नहीं है क्योंकि ये जिन्दगी तुम से ही शुरू हुई थी तुम तक ही खत्म होती है अब मैं वो, शमा बन चूका हूँ जो जलती है ना बुझती है !!!!!! I LOVE YOU

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