ठंण्‍ड का मौसम और निकला हुआ पेट
ठंण्‍ड का मौसम और निकला हुआ पेट

ठंण् ‍ ड का मौसम धना कुहरा ओस की बुदे मानो जैसे बारीस हो रही हो चारे तरफ धुंध ही धुंध कुछ भी दिखई देने को राजी न...

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कुछ चंद पंक्तिया आज मेरे बारे में
कुछ चंद पंक्तिया आज मेरे बारे में

किसी को तकलीफ देना मेरी आदत नही , बिन बुलाया मेहमान बनना , मेरी आदत नही ...! मैं अपने गम में रहता हूँ नबाबों की तरह , परायी ख़ुशी ...

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थोड़ी सी मन की खटास अटूट प्रेम को भी मिटा सकती हैं|
थोड़ी सी मन की खटास अटूट प्रेम को भी मिटा सकती हैं|

पानी ने दूध से मित्रता की और उसमे समा गया , जब दूध ने पानी का समर्पण देखा तो उसने कहा :मित्र तुमने अपने स्वरुप का त्याग कर मेरे स्वरु...

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