प्रयागराज विकास प्राधिकरण दिवस के अवसर पर आज मण्डलायुक्त एवं अध्यक्ष, प्रयागराज विकास प्राधिकरण  विश्वास पंत ने प्राधिकरण कार्यालय स्थित सभागार में कुछ प्रमुख कार्यों की समीक्षा की जिसमें विकास प्राधिकरण की निर्माणाधीन आवासीय योजनाओं, अवैध कालोनियों के निर्माण के विरुद्ध किए गए कार्यों तथा मास्टर प्लान एवं सिटी लाजिस्टिक प्लान की प्रगति सम्मिलित रहे। 

सर्वप्रथम निर्माणाधीन आवासीय योजनाओं के संबंध में चर्चा करते हुए अवन्तिका कालोनी, नैनी में अभी तक विक्रय न हो सके फ्लैटों की अद्यतन स्थिति के बारे में जानकारी ली एवं विक्रय न होने के कारण को समझते हुए एक मार्केट स्टडी कर फ्लैटों को जल्द से जल्द बेचने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। इसी क्रम में गोविन्दपुर में निर्माणाधीन अलखनन्दा अपार्टमेंट को पूर्ण करने में कार्यदायी संस्था के स्तर पर हो रहे विलम्ब की वजह से आ रही समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली तथा कार्यदायी संस्था को तीन सप्ताह का समय देते हुए कार्य में अपेक्षित प्रगति दिखाने को कहा। साथ ही मुख्य अभियन्ता, विकास प्राधिकरण को कार्यदायी संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यों की साप्ताहिक समीक्षा करने को कहा एवं कार्य पूर्ण न होने की दशा में कार्यदायी संस्था को काली सूची में डालने तथा किसी अन्य कार्यदाई संस्था को आबद्ध करते हुए शेष कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए।
अवैध निर्माण को रोकने के संबंध में चर्चा करते हुए उन्होंने विभागवार लम्बित अनापत्ति प्रमाण पत्र की जानकारी ली तथा संबंधित अधिकारियों को प्रत्येक विभाग में कुल कितने अनापत्ति प्रमाण पत्र लम्बित हैं उसकी सूची तैयार कर संबंधित विभाग को भेजने को कहा। साथ ही प्रत्येक गुरूवार को प्राधिकरण दिवस के अवसर पर सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को उनके विभाग में लम्बित अनापित्त प्रमाण पत्र की आख्या लेते हुए प्रस्तुत करने को कहा। इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी, नगर आयुक्त एवं मुख्य अग्निशमन अधिकारी से स्वयं फोन पर बात करते हुए उन्हें अपने विभागों से एक अधिकारी इस कार्य हेतु नामित करने को कहा।

अवैध निर्माण को रोकने हेतु सुपरवाइज़र लेवल तक किस अधिकारी की क्या जिम्मेदारी है उसे और स्पष्ट करने तथा अवैध निर्माण संबंधी वादों के निस्तारण में पारित किए जा रहे आदेशों को विधिक रूप से और मजबूत बनाने के दृष्टिगत जोनल अधिकारियों की ट्रेनिंग कराने की जिम्मेदारी उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण को दी।

रिपोर्ट पूनम चौरसिया 

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