प्रयागराज- शनिवार की शाम शहर के शहीद चंद्रशेखर आज़ाद उद्यान (कंपनी बाग़) में नामचीन कलाकारों ने समा बांध दिया। श्रोता देर रात तक कलाकारों के द्वारा दी गई प्रस्तुति में सब कुछ भूलकर उसी में गोते लगते रहे।
उन्नाव से आये आल्हा गायक श्री पंकज तिवारी ने
कार्यक्रम की शरुआत " क्रांति शिरोमणी चंद्रशेखर का जानै भारत देश महान, जिन मान न राखा अंग्रेजन का क्रांति अमर जगत मै 23 जुलाई 1906 मा जन्मे शेष आजाद मा। आल्हा शैली में गायन से समा बांध दिया वही उन्होंने अपने कार्यक्रम का अंत गोली एक बची पिस्टल में कहाँ अब का करिबे कौन उपाय.... का गायन कर वहाँ पर मौजूद लोगों को भावविभोर कर दिया।
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज की ओर से शहीद चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर कलाकारों की महफ़िल सजाई। शहीद चंद्रशेखर आजाद की जयंती 23 जुलाई को पूरे भारत में बडे धूमधाम से मनाई जाती है। यह संगमनगरी के लिए सौभाग्य ही रहा है कि स्वधतंत्रता आंदोलन में ईस्टं इंडिया कंपनी से लडते हुए आजाद ने अपना बलिदान 27 फरवरी 1931 को यही कंपनी बाग में दिया था। उत्तमर मध्यी क्षेत्र सांस्कृदतिक केंद्र ने भी आजाद की वीरगाथा चहुओर बताने में कोई कसर नहीं छोडी।
देव फ़ौजदार के निर्देशन में नाट्य किरण मंच मुंबई की नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों को शहीद चंद्रशेखर आज़ाद जी पर लिखा गया नाटक "अंदाज -ए- आजाद" ने शहीद चंद्रशेखर आजाद व उनके साथी क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव, सदाशिव के गौरव गाथाओं को बड़े ही शानदार से प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया। आजाद की जयंती पर भगवान इंद्र भी खुश होकर प्याआसी धरती को सराबोर कर दिया जैसे-जैसे बारिश की बूदें तेज होती जा रही थी वैसे-वैसे दर्शकों का नाटक के प्रति उत्साेह भी बढता जा रहा था। वहां पर मौजूद दर्शकों ने राष्ट्र के प्रति अपने प्रेम को कम नहीं किया। राजगुरु के द्वारा सांडर्स को मारे जाने पर इंकलाब जिंदाबाद नारों के साथ भारत माता की जय से पूरा परिसर गुंजयमान हो उठ
देव फौजदार के निर्देशन में यह नाटक धर्म पर भी चोट करता है और बताता है कि धर्म किसी का पेट नहीं भरता। इस नाटक ने देश के वर्तमान परिस्थितियों धर्मवाद, क्षेत्रवाद, लिंगभेद जैसे मुद्दो पर बोलते हुए भारत की ऐतिहासिक और भारत मे स्त्री की महानता का भी मंचन किया गया। आजादी की लडाई में झांसी की रानी लक्ष्मीथबाई ने जो बलिदान दिया उस वीरांगना की वीरगाथा को भी बडें प्रभावशाली ढंग से इस नाटक में मंचन किया गया।
इस मौके प्रबुद्ध वर्ग व श्रोताओं ने नाटक और आल्हा का खूब आंनद लिया। कार्यक्रम में प्रशासन के साथ ही अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत मे केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी श्री आशीष कुमार श्रीवास्तव के द्वारा मुम्बई से आये कलाकरों को पुष्प गुच्छ व अंग वस्त्र भेंट कर उनको सम्मानित किया गया।
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