रंगोत्सव पर्व होली को लेकर लोगों में उत्साह और उल्लास है। बाज़ारों में भी इसका असर दिखने लगा है, बाज़ारों की रौनक बढ़ी हुई है। चहुओर रंग बरसे भीगे चुनरिया वाली .......गीत बज रहा है। हर कोई बस इस रंग वाले पर्व में रंग जाना चाहता है, लेकिन इन खुशियों को महँगाई डायन ने फीका कर दिया है जी हां इस बार होली पर बनने वाले पकवानों का स्वाद फीका रहने के भी आसार नजर आ रहे हैं। खादय पदार्थों के बढ़े दामों के चलते लोग सीमित ख़रीददारी ही कर रहे हैं। इस बार होली की गुझिया का सबसे ज्यादा जायका बिगाड़ने का काम रिफाइंड ने किया है।बढ़ती हुई महंगाई ने रंग में भंग डालने का काम किया है। ट्रांसपोर्ट नगर के रहने वाले अंकित श्रीवास्तव बताते हैं कि वनस्पति, रिफाइंड से लेकर खाद्य पदार्थों तक हर सामग्री के दाम बढ़ गए हैं जिससे इस बार होली फीकी ही रहेगी। वही अलापुर के रहने वाले अमित त्रिपाठी का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस बार सरसों के तेल से लेकर रवा, मैदा में 5 रुपए से लेकर 6 रुपए तक कि बढ़ोतरी हुई है। 
महँगाई पर एक नज़र- रुपये किलोग्राम में
काजू- 800
बादाम- 700
रिफाइंड-190
सरसों- 200
चीनी-40 
मैदा- 28
रवा-32
अम्बरीष द्विवेदी
16 Mar 2022

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