उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी के सिराथू सीट से चुनाव हार गए हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, समाजवादी पार्टी प्रत्याशी पल्लवी पटेल ने 7,337 वोटों से भाजपा के कद्दावर नेता केशव प्रसाद मौर्य को शिकस्त दी है। इस दौरान पल्लवी पटेल को 1,06,278 वोट मिले जबकि केशव प्रसाद मौर्य को 98,941 वोट से ही संतोष करना पड़ा। आपको बता दें कि पल्लवी पटेल के खिलाफ उनकी बहन अनुप्रिया पटेल ने भी चुनावी प्रचार किया था। लेकिन फिर भी केशव प्रसाद मौर्य जीत दर्ज नहीं कर पाए।
पल्लवी को जब सिराथू से उम्मीदवार बनाया गया था, तब केशव प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था, 'पल्लवी मेरी छोटी बहन जैसी हैं। सिराथू क्षेत्र में पल्लवी का बहन के रूप में स्वागत हो सकता है, लेकिन प्रत्याशी के तौर पर सेंध लगाना उनके बस की बात नहीं है।' खैर, अब पल्लवी ने बड़े भाई यानी केशव मौर्य की सीट पर न केवल सेंध लगाया,, बल्कि मात भी दे दी है। आइए हम आपको बताते हैं कि डिप्टी सीएम को कड़े मुकाबले में पराजित करने वाली डॉ. पल्लवी कौन हैं?
पल्लवी पटेल अपना दल (सोनेलाल) प्रमुख अनुप्रिया पटेल की सगी बहन और सोनेलाल पटेल की बेटी हैं। आपको बता दें कि सोनेलाल पटेल ने अपना दल की स्थापना की थी। लेकिन उनके निधन के बाद साल 2009 में पत्नी कृष्णा पटेल ने पार्टी को मोर्चा संभाला और धीरे-धीरे पार्टी को और ज्यादा मजबूत करने का प्रयास किया।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अपना दल ने भाजपा के साथ गठबंधन किया और दो सीटों पर जीत दर्ज की। इनमें से एक सीट मिर्जापुर की थी जिस पर कृष्णा पटेल की बेटी अनुप्रिया पटेल जीती था। जिन्हें साल 2016 में केंद्रीय मंत्री बनने को सौभाग्य मिला था। हालांकि अनुप्रिया पटेल के बढ़ते कद की वजह से अपना दल में दो फाड़ हो गई और फिर 2016 में ही अनुप्रिया पटेल ने अपना दल (सोनेलाल) का गठन किया। जबकि कृष्णा पटेल अपना दल को मजबूत करने में जुटी हुई थीं।
इसके बाद बेटी अनुप्रिया पटेल ने भाजपा के साथ गठबंधन को आगे बढ़ाया। जबकि कृष्णा पटेल अपनी दूसरी बेटी पल्लवी पटेल के साथ समय-समय पर कई गठबंधनों का हिस्सा रहीं। पिछले लोकसभा चुनाव में कृष्णा पटेल ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और इस बार के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ तीन बहुओं ने एकसाथ समाजवादी पार्टी के लिए वोट मांगा था। अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और सपा सांसद जया बच्चन ने पल्लवी पटेल के लिए एक रैली की थी। उस रैली में डिंपल यादव ने कहा था कि इस बार तीन बहुएं आपके बीच आई हैं। सिराथू की बहू पल्लवी पटेल, इलाहाबाद की बहू जया बच्चन और उत्तर प्रदूश की बहू मैं डिंपल यादव।
पल्लवी पटेल से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां
वर्ष 2008 से राजनीति में सक्रीय रूप से कदम रखने वाली पल्लवी पटेल एक भारतीय राजनेता और अपना दल (कमेरावादी) पार्टी की उपाध्यक्ष हैं।
पल्लवी पटेल का जन्म और पालन-पोषण राजनीति से तालुक रखने वाले कानपूर के एक पटेल परिवार में हुआ था। उनके पिता सोनेलाल पटेल अपना दल पार्टी के संस्थापक थे और उनकी माँ कृष्णा पटेल हैं जो उनके पिता की मृत्यु के बाद अपना दल पार्टी की मुखिया बनी।
पल्लवी पटेल ने अपने राजनीतिक यात्रा शुरू करने से पहले एक साइंस स्टूडेंट थीं। उन्होंने बायो-टेक्नॉलजी में पीजी किया है। पल्लवी ने बायो-टेक्नॉलजी में पीजी करने के बाद सब्जियों और फलों के फंगस से डॉक्टरेट की डिग्री पूरी की। वह अनुप्रिया पटेल से एक साल बड़ी हैं। पल्लवी वर्तमान समय में अपना दल पार्टी (कमेरावादी) की कार्यवाहक हैं।
अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की 17 अक्टूबर 2009 को एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। पिता के निधन के बाद 2009 में पल्लवी पटेल ने राजनीति में पूरी तरह से कदम रखा। सोनेलाल पटेल की मृत्यु के बाद उनकी माँ कृष्णा पटेल अपना दल पार्टी की अध्यक्ष के रूप में कमान संभाली और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव बनी। वर्ष 2014 में कृष्णा पटेल ने पल्लवी को पार्टी का उपाध्यक्ष घोषित किया। जिसके बाद अनुप्रिया ने इसका विरोध किया और मामला 2016 में चुनाव आयोग पहुंचा तो पार्टी दो खंड में बंट गई।
सोनेलाल पटेल का रविवार की शाम भैरव घाट पर बौद्ध रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया था। उनके अंतिम संस्कार पर पार्टी के सैकड़ो कार्यकर्ता और अनेक राजनीतिक हस्तियां मौजूद थीं। सूत्रों के अनुसार पता चला था कि पटेल शनिवार की शाम कार दुर्घटना में बुरी तरह से घायल हो गए थे जिसके बाद देर रात इलाज के दौरान ही अस्पताल में उनका निधन हो गया था।
उन्होंने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत अपने पिता डॉ सोनेलाल पटेल के साथ किया था। वहीं से उन्होंने पार्टी को आगे ले जाने की कसम खाई। 2008 से पार्टी में सक्रिय रही पल्लवी ने अपने पिता डॉ सोनेलाल पटेल के साथ एक सहयोगी रूप में काम करना शुरू किया। लम्बे समय तक पार्टी की सक्रिय कार्यकर्ता रहने के बाद वह पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर काम किया। 2017 चुनाव के बाद उन्हें अपना दाल (कामेरावादी) पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
पल्लवी के पति पंकज सिंह भी पार्टी में सक्रिय हैं। वर्ष 2019 में पल्लवी की पार्टी ने कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन किया था। कांग्रेस ने उनके पति पंकज सिंह को फूलपुर की विधान सभा सीट से टिकट दिया था। पंकज को इस चुनाव में 32 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। लेकिन वह भाजपा और सपा उम्मीदवार के बाद तीसरे नंबर पर थे।
पल्लवी पटेल ने वर्ष 2021 में कमेरा समाज की आवाज को सरकार तक पहुंचने के लिए कमेरा पद यात्रा निकली थी जिसका उद्देश्य था की गांव-गांव जाकर लोगों को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक करना।
2022 विधान सभा चुनाव में अपना दल की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पल्लवी पटेल ने विश्वनाथगंज के जगदीशपुर मंडी के निकट आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए बिना नाम लिए अपनी छोटी बहन और भाजपा सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल के खिलाफ जोरदार हमला बोला। उन्होंने अनुप्रिया पटेल को लालची भी कहा, अपने समाज के साथ माता-पिता को भी धोखा दे रही हैं। सभा के दौरान अशोक पटेल, यशवंत पटेल, लालचंद, मोती, जीतलाल, बालेसर आदि लोग मौजूद रहे।
समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बाद अपना दाल (कमेरावादी) की अध्यक्ष्य पल्लवी पटेल ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ अपना दाल (कमेरावादी) के सिंबल पर उत्तर प्रदेश के सिराथू विधान सभा सीट से अखिलेश यादव की अगुआई में चुनाव लड़ने के लिए नामांकन किया। कुछ दिन पहले खबर थी कि पल्लवी पटेल सिराथू विधान सभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयार नहीं थीं। लेकिन पार्टी के कार्यकर्तों द्वारा समझाने के बाद वह इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हुईं।
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