उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब राजनीतिक दलों की नजर विधान परिषद यानी एमएलसी चुनाव पर है। मंगलवार से इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई। प्रदेश की 36 विधान परिषद की सीटों पर नौ अप्रैल को मतदान होना है। विधान परिषद के इस चुनाव में सत्‍तधारी पार्टी मजबूत मानी जा रही है। बता दें कि 100 विधान परिषद सीटों वाले विधान परिषद में सत्‍ताधारी पार्टी यानी भाजपा के 35 एमएलसी हैं। वहीं, सपा के खाते में 17 सदस्य हैं। वही विधान परिषद के कई सीटें रिक्‍त होने का अनुमान हैं।। वही‍ सीएम योगी आदित्यनाथ की सीट भी खाली हो जाएगी। विधानपरिषद चुनाव के लिए फरवरी में अधिसूचना जारी की गई थी। इसके लिए चार और पांच फरवरी को नामांकन भी हो चुका था। हालांकि, विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया जारी होने कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अब इसकी प्रक्रिया दोबारा शुरू हो रही है। इसके लिए सदस्‍यों का कार्यकाल 6 साल का होता है और न्‍यूनतम आयु सीमा 30 साल होनी चाहिए। वही एक तिहाई सदस्यों को विधायक चुनते हैं। इसके अलावा एक तिहाई सदस्यों को नगर निगम, नगरपालिका, जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के सदस्य चुनते हैं। वहीं, 1/12 सदस्यों को शिक्षक और 1/12 सदस्यों को रजिस्टर्ड स्‍नातक चुनते हैं। यूपी में विधान परिषद के 100 में से 38 सदस्यों को विधायक चुनते हैं। वहीं 36 सदस्यों को स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र के तहत जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और नगर निगम या नगरपालिका के निर्वाचित प्रतिनिधि चुनते हैं। 10 मनोनीत सदस्यों को राज्यपाल नॉमिनेट करते हैं। इसके अलावा 8-8 सीटें शिक्षक निर्वाचन और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के तहत आती हैं। अभी 10 मार्च को विधानसभा के आये परिणाम के बाद भाजपा की स्थिति इस चुनाव में भी काफी मजबूत दिख रही है

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