सेवराई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर महिला स्टाफ नर्स के ना रहने के कारण करीब 1 घंटे तक दर्द से कराहती रही प्रसव पीड़ित, थक हार कर परिजन उसे अन्य यंत्र इलाज हेतु ले गए।
जानकारी अनुसार सेवराई तहसील के गुरुवार दोपहर गोड़सरा गांव निवासी सरिता देवी 25 पत्नी अजय कुमार को प्रसव पीड़ा हुई। आनन-फानन में परिजन द्वारा उसे अपने निजी वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदौरा लाया गया। केंद्र पर करीब शाम साढ़े 4 बजे आने के 1 घंटे बाद तक किसी महिला स्टाफ नर्स अथवा चिकित्सक के ना आने पर मजबूरी बस थक हार कर परिजन उसे अन्य नर्सिंग होम ले जाए। प्रसव पीड़ित महिलाओं को सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जच्चा बच्चा केंद्र पर सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई जा रही हैं। लेकिन सरकार के नुमाइंदे कर्मचारी कमीशन खोरी के चलते खुद सिस्टम का बंटाधार करने पर लगे हुए हैं। बेबस परिजन अपने मरीजों को निजी नर्सिंग होम में ले जाकर महंगे इलाज कराने को विवश हो रहे हैं। भदौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर शाम साढ़े 4:00 बजे किसी चिकित्सक अथवा महिलाएं स्टाफ नर्स के ना रहने के कारण प्रसव पीड़ित सरिता को करीब 1 घंटे तक तड़पना पड़ा। चिकित्सक के ना रहने के कारण परिजन शाम करीब 6:00 बजे व निजी नर्सिंग होम में इलाज करने के लिए लेकर चले गए। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदौरा के केंद्र प्रभारी डॉ धनंजय आनंद ने बताया कि महिला स्टाफ का पैर टूट जाने के कारण एक अन्य महिला स्टाफ को नियुक्त किया गया था लेकिन उनके घर पर शादी होने के कारण अस्पताल पर कोई नहीं था।
इस बाबत एसीएमओ डॉ डीपी सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। इस तरह की लापरवाही कतई क्षम्य नहीं है। संबंधित केंद्र प्रभारी को निर्देशित कर सीएससी पर 24 घण्टे महिला स्टाफ की तैनाती के लिए निर्देशित किया गया है।
एक टिप्पणी भेजें
एक टिप्पणी भेजें