गहमर।  स्थानीय गांव के रेलवे परिसर में रविवार को ट्रेन के ठहराव को लेकर हो रहे आंदोलन के लिए स्टेशन पर प्रदर्शन से मनाही पर आंदोलनकारी जमीन पर ही बैठकर नारेबाजी करने लगे, जिन्हें आरपीएफ और गहमर थाना पुलिस ने जबरन गिरफ्तार कर धरना स्थगित करा दिया।

गौरतलब हो कि कोविड-19 का हवाला देते हुए रेल प्रशासन द्वारा पूर्व में रुक रही ट्रेनों का भी ठहराव रद्द कर दिया है जिसे जहां लोगों को काफी असुविधा हो रही है इससे  ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। ट्रेन ठहराव की मांग को लेकर ग्रामीणों द्वारा विगत कई दिनों से लगातार प्रदर्शन एवं पत्राचार किया जा रहा है। ट्रेन के ठहराव के लिए प्रतिनिधियों का एक दल बीते शुक्रवार को डीआरएम दानापुर से मिलकर अपनी बात रखते हुए उचित आश्वासन न मिलने पर रविवार से आंदोलन की चेतावनी दी थी। ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार रविवार को जब स्टेशन परिसर पर धरना प्रदर्शन को पहुंचा तो पहले से मौजूद आरपीएफ के जवानों ने कोविड-19 का हवाला देते हुए उन्हें रोक दिया। आक्रोशित ग्रामीणों ने वहीं जमीन पर बैठकर जमकर रेल प्रशासन और आरपीएफ के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करने लगे। सूचना पर पहुंची गहमर पुलिस ने आरपीएफ की मदद से सभी आंदोलनकारियों को जबरन गिरफ्तार करते हुए संबंधित धारा में जेल भेज दिया। आंदोलनकारियों ने बताया कि हम अपने मौलिक अधिकार के तहत अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करना चाहते थे लेकिन पुलिस और आरपीएफ के जवानों ने मनमाने तरीके से सत्ता के मद में चूर होकर हमें हमारे मौलिक अधिकारों का हनन करते हुए गिरफ्तार किया हैं।

इस बाबत जब गहमर कोतवाल दिलीप कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी करने से इंकार कर दिया। वही दिलदारनगर आरपीएफ इंचार्ज ने बताया कि बिना अनुमति के प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।

रिहा होते ही आन्दोलनकारी ने उपजिलाधिकारी को पत्रक सौपा। पत्रक देते हुए धरना संयोजक अखंड गहमरी ने कहा कि यह गिरफ्तारी हमारे मौलिक अधिकारों का हनन है, भारतीय संविधान में हमें यह अधिकार प्राप्त है कि हम धरना करें। आज गिरफ्तार होने के बाद भी हम अपनी माँग पर अड़े हैं यदि 16 जनवरी तक हमारी माँग पूरी नहीं हुई तो 17 जनवरी को हम फिर गहमर स्टेशन पर धरना करेगें

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